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Sarvoday Goshala Charitable Trust, Padhegaon At- Padhegaon, Tah-Wardha, Dist- Wardha Maharashtra-442001
Sarvoday Goshala Charitable Trust, Padhegaon At- Padhegaon, Tah-Wardha, Dist- Wardha Maharashtra-442001
जीवदया /अभयदान
सर्वोदय गोशाला चॅरिटेबल ट्रस्ट वर्धा, महाराष्ट्र, की स्थापना 2008 में वर्धा के सार्वजनिक विश्वस्त व्यवस्था नौदणी कार्यालय द्वारा समुदाय की भावना और मवेशियों के प्रति सामाजिक हित की भावना से की गई है, जो हमेशा परिवार के अन्य सदस्यों की तरह मानव के लिए उपयोगी होती हैं। ट्रस्ट में काम करने वाले सभी ट्रस्टी गोवंशप्रेमी और समान विचारधारा के गृहस्थ हैं जो निस्वार्थ भावना से गोवंश के लिये काम करते हैं ।पिछले 12 वर्षों से, हर कोई गायों की सेवा और पोषण करने के लिए अथक प्रयास कर रहे है । इस धारना पर गोशाला का काम चल रहा है कि, भारतीय गायों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़नी चाहिए और उनके माध्यम से पूरे जीवजंतू साम्राज्य का कल्याण होना चाहिए। ट्रस्ट के विश्वस्त श्री वसंतभाई पंचभाई ने खुद गौशाला शुरू करने से पहले सौ से डेढ़ सौ गायों की देखभाल कर रहे थे। आज गौशाला में 367 गोवंश हैं और उनकी सेवा संरक्षण के लिए कार्य किया जा रहा है,और इन गायों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ।
गाय न केवल एक पालतू जानवर है, बल्कि प्रकृति से मनुष्य के लिए एक दिव्य वरदान है। भारतीय संस्कृति मे गोवंश का सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्थान है । प्राचीन काल से मवेशी मानव के आर्थिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं । वैदिक साहित्य कहता है कि, ” गौ सर्व सुखप्रदा ” इसका अर्थ है, कि गाय मनुष्य को सभी सुख, धन और स्वास्थ्य प्रदान करती है । भारतीय कृषि, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पर्यावरण हजारों वर्षों से गायों पर निर्भर है। लेकिन मौजूदा समय में इसे नजरअंदाज किया जा रहा है, लोगों के मन में गायों के प्रति मोहभंग बढ़ता जा रहा है, जो सभी तरह से उपयोगी है, परिवार का हिस्सा है और भारत मे उसे माता का स्थान मिला हैं । ग्रामीण क्षेत्रों में, मवेशी कृषि के बाद भी आजीविका का मुख्य स्रोत हैं। गाय पालन, जैविक खाद, कृषि बैल, गोबर, गोमूत्र के औषधीय उपयोग जैसे कई क्षेत्रों में गाय अब भी महत्वपूर्ण हैं। लेकिन बदलते समय में, यह माँ एक संकट का सामना कर रही है और यह समय है की, उसका पालन पोषण करने की जरूरत है । कई ट्रकों मे गोवंशो को भरा जाता है और उसका क़त्ल करणे के लिए बुचडखाने मे भेजा जाता है। कई मोकत और घरेलू गायों को चारा नहीं मिलता है। गायों का प्रकृति का उपहार दूध है, लेकिन वे भी कृत्रिम होने लगे हैं । नतीजतन, गायों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। इस विकट स्थिति को बदलने के लिए, सर्वोदय गोशाला/ पांजरापोल अथक परिश्रम कर रही है और गायों की सेवाओं का संरक्षण करके समाज के विकास
में योगदान दे रही है। गौशालाओं/ पांजरापोल के माध्यम से गोबर का वितरण, बैलों का वितरण, दुधारू गायों का वितरण, चारा उत्पादन, वृक्षारोपण, जल संवर्धन, जैविक खेती का विकास, पशुधन का टीकाकरण और गौशालाओं के माध्यम से रोजगार सृजन के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करना, पशु संवर्धन के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करना। सर्वोदय गोशाला/ पांजरापोल पूरी तरह से अपनी लागत पर साहित्यिक आधार पर चल रही है इसलिए, इस संगठन को सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है और यह गोशाला भारतीय जीवजंतू पशु कल्याण बोर्ड से पंजीबद्ध है। गोशाला ने ऐसी विकट वित्तीय स्थिति में अपना काम जारी रखा है। गौशाला के पास 6 एकड़ जमीन उपलब्ध है, अन्य सुविधाएं गायों के लिए बनाई जानी हैं, लेकिन वित्तीय समस्या और सहायता के बिना यह संभव नहीं हो रहा है। हर साल सैकड़ों गोवंश कत्लखाने से बचाने का कार्य अविरत शुरू है पुलिस स्टेशन द्वारा जप्त किए हुए गोवंश और भी सभी प्रकार के पशु हमारे गौशाला में आश्रय लेते है। और कानूनी कार्यवाही करके उनको हमारी गौशाला में रखा जाता है। इसी प्रकार आजू बाजू के गांव में अभियान चलाते है कि कोई भी किसान गोवंश को कसाई को बेचने के बजाय गौशाला में रखे और उन गौवंश का हम पालन पोषण करते है । हमारी संस्था भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड नई दिल्ली भारत सरकार द्वारा प्रमाणित है। हमारी इस कार्य की जानकारी ज्यादा से ज्यादा जीवदया, प्रेमी संघ और व्यक्तियो को मिले यह हमारा प्रयत्न है।
मवेशियों के क़त्ल को रोकने और उनकी रक्षा करने के लिए गौशाला की स्थापना की गई है।
लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना और तथ्यों को प्रस्तुत करके गायों की जरूरतों और संरक्षण के बारे में उन्हें जागरूक करना
गायों के गुणों के लिए प्रेम का प्रचार और प्रसार करना और गायों के लिए प्यार, आदर और सम्मान को संरक्षित करना
गाय केंद्रित जैविक खेती को बढ़ावा देना
रोगग्रस्त गायों के उपचार के लिए गौशाला में पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन करना और गोजातीय पशुओं का टीकाकरण करना ।
ग्रामीण किसानों को गायों की उचित देखभाल, बीमारियों से सुरक्षा और डेयरी गायों के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षण शिविर और व्याख्यान आयोजित करना।
गो सेवा का कार्य करने के लिए बड़े पैमाने पर समाज को प्रेरित करना ।
शास्त्रों में वर्णित गोमाता का आध्यात्मिक महत्व फैलाना
अल्पभूधारक किसानों को दुधारू गायों का एवम खाद वितरण करना
खेती के लिए जरूरतमंद किसानों को बैलों की जोड़ी प्रदान करना ।
रोजगार सृजन के लिए हर साल गोशाला के माध्यम से युवाओं के लिए व्याख्यान और मार्गदर्शन सत्र आयोजित करना ।
गाँव में गोचर भूमि पर वृक्षारोपण और संरक्षण कार्य करना जीससे पर्यावरण हानी रोक सके
कृषि विकास के लिए गोवंश के लाभों के विषयद्वारा गौशाला में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करना ।
पानी बचाने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करना ।
गोशाला रोजगार सृजन, आज के युवाओं और कृषि व्यवसाय, गोटफार्मों के माध्यम से रोजगार सृजन पर सेमिनार आयोजित करना
आवारा कुत्तों के लिए नसबंदी और टीकाकरण कार्यक्रम आयोजित करना
स्वास्थ्य शिविर और योग शिविर कार्यक्रम
पेट केयर एंड कंजर्वेशन पर किसान संवाद कार्यक्रम
पंचगव्य चिकित्सा से कैंसर का इलाज करना और पंचगव्य कैंसर औषध विज्ञान क्लिनिक अनुसंधान केंद्र स्थापित करना।
गोशाला में पशु औषधालय की स्थापना करना ।
गोशाला के माध्यम से बड़ी मात्रा में जैविक खाद का उत्पादन करना और इसे जरूरतमंद किसानों को उपलब्ध कराना।
मवेशियों के वैज्ञानिक पालन के लिए विभिन्न राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशालाएँ आयोजित करना ।
गोशाला मे गोवंश के लिये के पक्का आश्रयस्थान का निर्माण और विशाल भवन का निर्माण करना ।